Seema - Archanaagarawaldiet
मैं सीमा अग्रवाल दिल्ली से हूं परन्तु फिलहाल अहमदाबाद गुजरात में रह रही हूं। लास्ट ईयर दिसंबर 19 में मुझे ब्रेस्ट कैंसर डाइग्नोस हुआ और aggressive काइंड का था तो कीमोथेरेपी से ट्रीटमेंट की शुरुआत हुई और मुझे काफी सारी चीजों के लिए बताया गया कि कच्चा खाना या जिनका छिलका न उतारा जा सके ऐसी चीजें नहीं खानी हैं।
अब कीमो थेरेपी लेने पर उसके दवाई के काफी असर होते हैं जैसे बालों का गिरना, मुंह में छाले पड़ जाना, टेस्टबड्स का खत्म हो जाना। तभी डाइट को लेकर अर्चना जी के सम्पर्क में आना हुआ, हालांकि मुझे पर्सनली लगा कि अब ये मुझे दो चार चीजें और बंद करेंगीं पर फिर भी बच्चों के कहने पर मैने उनसे बात की तो जो सबसे पहली बात उन्होंने कही की आपको कुछ भी छोड़ना नहीं है।सबसे पहले अपनी बॉडी को रीड करना है,उसको सुनना है।
आपका खाना ऐसा होना चाहिए जो कि आपके डायजेस्टिव सिस्टम पर लोड ना डाले मतलब सिस्टम की मेहनत खाना पचाने में ना लगकर बॉडी को हील करने में लगे। घी, तेल से लेकर दूध, दही इन सबके लिए उन्होंने काफी छोटे-छोटे उपयोगी सुझाव दिए। उनका एक कहना यह भी रहा कि आपको अपने मन को नही मारना है, जो दिल कर रहा है वह खाये पर समय, क़्वालिटी और कितना खाना है यह सब जरूर देखें।डिफरेंट टाइप के सलाद और जूस उन्होंने मुझे प्रेसक्राइब्ड किए उनमें से जैसे एक था आमला और चुंकन्दर का जूस।
उनके साथ मेरा हर सेशन्स बड़ा ही इंटरेस्टिंग रहता है, बहुत कुछ नया उनसे ह्यूमन बॉडी के बारे में, बीमारी के बारे में,खाने पीने की चीजों के बारे में जानने को मिलता है। बहुत छोटी छोटी बातों को वो नोटिस करती हैं कि टाइमिंग क्या है खाने के, बॉडी में क्या बदलाव आ रहे हैं, कहीं दर्द हुआ तो क्यों हुआ है, बॉडी का एनर्जी लेवल कैसा रहा, कम रहा तो क्यों कम हुआ, तो इन सबसे अपनी एलर्टनेस अपने प्रति ओर भी बढ़ जाती है।
इस बीमारी में ये एक बात मुझे बहुत अच्छी लगी कि इसकी वजह से अर्चनाजी से मिलना हुआ और बहुत कुछ अच्छा जानने और सीखने को मिल रहा है,जो कि इस बीमारी को ही नही ओर बातों में भी बहुत सहायक हुआ,जैसे कि मुझे करीबन पिछले 30 सालों से माइग्रेन चल रहा था, वो इन यूज़फुल टिप्स से टोटली खत्म हो गया है, कीमो के दौरान भी एनर्जी लेवल डाउन नही गया, मुझे कोई से भी कम करने में कोई दिक्कत नही आई,जैसे पहले चल रहा था सब कुछ वैसे ही चला जिससे कि परिवार में भी सभी लोग चिंतित नही रहे, वरना ऐसी कोई भी बीमारी में बीमार व्यक्ति के साथ साथ उनके घर के लोग भी उनके दुख तकलीफ से परेशान हो जाते हैं पर जब आप नार्मल लगते हैं तो उनकी भी मनोस्थिति ठीक रहती है,
अर्चनाजी ने मेरे लाइफ स्टाइल को देखकर मेरी पंसद, नापसंद को समझ कर जो भी पर्सनल केअर, गाइडेंस दी है और दे रही हैं उसके लिए मैं उनकी बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं। एक पर्सनल एक्सपीरियंस यह भी है कि प्रॉपर गाइडेंस से आप बड़ी बीमारी को भी आसानी से पार कर जाते हैं तो जो भी ये पढ़ रहे हैं उन से मेरी यही रिकवेस्ट है कि आप बीमार होते हैं तो जैसे उस बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेते हैं ऐसे ही अपने को जल्दी से फिट एंड फाइन करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट से भी जरूर सलाह लें न्यूट्रिशन का रोल भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उस बीमारी के डॉक्टर का तो उनसे सलाह जरूर लें और उस बीमारी पर जल्दी से और आसानी से जीत प्राप्त करें।
धन्यवाद!